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दरगाह-ए-हकीमी-पवित्रता और खूबसूरती का संगम

श्रेणी ऐतिहासिक, धार्मिक

बुरहानपुर की दरगाह-ए-हकीमी जितनी पवित्र है, उतनी ही खूबसूरत भी। यह पूरे विश्व के बोहरा समुदाय का तीर्थ स्थल है। कहा जाता है कि भले ही आप मक्का, मदीना और कर्बला हो आये हों लेकिन अगर आपने दरगाह-ए-हकीमी में ज़ियारत नहीं की तो सब निष्फल है। यही नहीं, बोहरा समुदाय के धर्मगुरु को भी यहाँ एक बार जियारत करने ज़रूर आना पड़ता है। इसके पीछे जो वजह बताई जाती है उसके अनुसार इस पाक जगह पर मौला (खुदा का दूत) अब्दुल कादिर हकीमुद्दीन साहब आराम फरमा रहे हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि इनकी ख्याति दूर-दूर तक थी। हिन्दू, मुसलमान या कोई अन्य धर्म मानने वाला हो, सब इनके पास आते थे। इनके कॉरेश्माई व्यक्तित्व का जादू इतना था कि व्यक्ति अपनी समस्या लेकर आता था लेकिन जब जाता तो उसकी झोली खुशियों से भरी होती थी। कहा जाता है कि जब इनका इंतकाल हुआ तो तीन दिन बाद औरंगजेब इनकी क्रब के पास पहुँचा और अपमान करने की नीयत से कब्र को खुदवाकर मौला का शरीर बाहर निकलवा लिया। वह उनके शरीर और चेहरे को देखकर अचंभित हो गया। मौला का शरीर न तो सड़ा और न ही गला था। उनका चेहरा नूरानी था। औरंगज़ेब को विश्वास हो गया कि यह खुदा का बन्दा है फिर उन्हें पुरानी कब्र के पास ही दफना दिया गया, जिसे आज लोग दरगाह-ए-हकीमी के रूप में पहचानते हैं। दरगाह-ए-हकीमी में बोहरा समाज के दो धर्म गुरु- सैयदी शेख जीवनजी साहब (36) तथा अब्दुल तैयब जकीउद्दीन साहब की भी कब्र हैं। मौला की कब्र सफेद मार्बल से बनी हुई है और इसकी सुन्दरता और कलाकृति देखते ही बनती है। पूरा परिसर करीब 125 एकड़ में फैला हुआ है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रहने, खाने आदि की सुविधाएँ जुटाई गई हैं, जो विश्व स्तरीय एवं पाँच सितारा होटल जैसी हैं।

फोटो गैलरी

  • दरगाह-ए-हकीमी
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  • दरगाह-ए-हकीमी

कैसे पहुंचें:

हवाई मार्ग द्वारा

निकटतम हवाई अड्डा इंदोर स्थित है |

ट्रेन द्वारा

यह मुंबई-दिल्ली और मुंबई-इलाहाबाद, केंद्रीय रेल मार्ग पर पड़ता है। इस गंतव्य के लिए कई सुपर-फास्ट, एक्सप्रेस ट्रेनें हैं। बुरहानपुर का मुंबई, दिल्ली, आगरा, वाराणसी, ग्वालियर, कटनी, जबलपुर, पिपरिया, झाँसी, भोपाल जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों और शहरों से सीधी रेल संपर्क है।

सड़क के द्वारा

महाराष्ट्र राज्य की सीमा के करीब होने के कारण, भुसावल, जलगाँव, औरंगाबाद आदि के लिए बहुत अच्छी सड़क है। बुरहानपुर से भोपाल के मध्य दूरी व्हाया इंदौर ३६७ किमी है एवं व्हाया मुंदी ३२६ किमी है |