शाही हमाम-प्राचीन स्पा
शाही महल में ही शाहजहाँ ने अपनी सर्वाधिक प्रिय बेगम मुमताज़ के लिए एक हमाम का निर्माण कराया था। यह दो हिस्सों में है, पहले हिस्से में एक बड़ी-सी हौज़ है जिसमें संगमरमर का फव्वारा लगा हुआ है। इस हौज़ में ठंडे और गर्म पानी की व्यवस्था थी। हौज़ में पानी चैनल्स के सहारे अन्दर आता था। गर्म पानी के लिए हौज़ के बाहर कई विशाल भट्टियाँ बनी हुई थीं, जिसमें बड़े-बड़े कड़ाहों में पानी गर्म किया जाता था। तत्पश्चात वही पानी चैनलों में डाला जाता था और दूसरे चैनल से ठंडा पानी आता था। इसी के पास दूसरे हिस्से में तीन हौज़े और बनाई गई थीं जिसमें गुलाब, केवड़ा और खस के इत्र का पानी भरा रहता था। इसके पास ही एक छोटा-सा हौज़ और बना हुआ है जो कमल की आकृति का है। सम्भवतः यह बच्चों के लिए बनाया गया होगा। कहा जाता है कि पहली हौज़ में स्नान करने के बाद मुमताज़ अलग-अलग दिन इन इत्रों वाली हौज़ में स्नान करती थीं। हमाम की पूरी रूपरेखा ईरानी पद्धति की है। दीवारें कौड़ी के प्लास्टर की बनी हुई हैं तो फर्श संगमरमर का है। रोशनी के लिए हमाम में एक दिया रखा जाता था, जिससे हमाम में लगे डायमंड से पूरा हमाम जगमगा उठता था। दीवारों पर जो नक्काशीदार चित्रकारी की गई थी, उसकी छाया प्रति ताजमहल में भी दिखाई पड़ती है।
कैसे पहुंचें:
हवाई मार्ग द्वारा
निकटतम हवाई अड्डा इंदोर स्थित है
ट्रेन द्वारा
यह मुंबई-दिल्ली और मुंबई-इलाहाबाद, केंद्रीय रेल मार्ग पर पड़ता है। इस गंतव्य के लिए कई सुपर-फास्ट, एक्सप्रेस ट्रेनें हैं। बुरहानपुर का मुंबई, दिल्ली, आगरा, वाराणसी, ग्वालियर, कटनी, जबलपुर, पिपरिया, झाँसी, भोपाल जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों और शहरों से सीधी रेल संपर्क है।
सड़क के द्वारा
महाराष्ट्र राज्य की सीमा के करीब होने के कारण, भुसावल, जलगाँव, औरंगाबाद आदि के लिए बहुत अच्छी सड़क है। बुरहानपुर से भोपाल के मध्य दूरी व्हाया इंदौर ३६७ किमी है एवं व्हाया मुंदी ३२६ किमी है |